C++ in Hindi: वर्तमान समय में जितनी भी Modern Programming Languages Develop की गई हैं, वे सभी Object Oriented Programming System पर आधारित Programming Languages हैं और “C++” एक ऐसी Programming Language है, जिसमें OOPS के नियमों को काफी आसानी से Implement किया जा सकता हैा यानी Object Oriented Programming System के Concepts को C++ द्वारा काफी आसानी व सुविधापूर्ण तरीके से सीखा जा सकता है।
हालांकि C++ वास्तव में “C” Language का ही Extended रूप है, जिसे सबसे पहले “C with Class” नाम से जाना गया था। यानी जब “C” Language में Class के Feature को Implement किया जाता है, तब वही C Language एक C++ Language के रूप में Convert हो जाती है। इसलिए “C” Language में जिन कामों को किया जाता है, C++ Language में उन सभी कामों को उसी तरह से किया जा सकता है। साथ ही “C++” में Object Oriented Concepts का प्रयोग करके Program Codes को Reusable भी बनाया जा सकता है, जो कि Object Oriented Programming System का Key Concept है।
यानी जिस तरह से Programming के Basics को अच्छी तरह से सीखने के लिए “C” Language को अच्छी तरह से सीखना जरूरी है उसी तरह से Object Oriented Programming को सीखने के लिए “C++” Language को सीखना जरूरी है।
यदि आप “C++” Programming Language को अच्छी तरह से सीख लेते हैं, तो आपको दुनियां की किसी भी Object Oriented Programming Language को सीखने में ज्यादा समय नहीं लगता। साथ ही जितनी अच्छी तरह से आपकी “C++” Language Clear होती है, उतनी ही अच्छी तरह से व जल्दी से आप किसी भी अन्य Object Oriented Programming Language को सीख पाते हैं।
हालांकि “C++” Language का विकास “C” Language के विकास के लगभग कुछ सालों बाद ही हो गया था, क्योंकि “C” Language में विभिन्न प्रकार के Business Applications को Manage व Maintain करना काफी मुश्किल हो जाता था। साथ ही ज्यादातर Business Applications में बार-बार एक जैसे Codes लिखने पडते थे। इसलिये एक ऐसे तरीके की जरूरत महसूस की गई, जिससे एक बार लिखे गए Codes को अपनी सुविधानुसार बार-बार Reuse किया जा सके और OOPS यानी Object Oriented Programming System के Concepts ने इसी जरूरत को पूरा किया था।
“C” Language की तरह ही “C++” Language का विकास भी काफी समय पहले हो गया था लेकिन फिर भी काफी पुरानी Programming Language होने के बावजूद भी इसे आज भी BCA, PGDCA, MCA, भारत सरकार के Communication Department द्वारा अधिकृत O-Level, A-Level, B-Level व M-Tech Level तक के Courses में “C++” Language को पढाया जाता है।
क्योंकि “C++” Language, Object Oriented Programming System के सभी Concepts को पूरी तरह से Implement करने में सक्षम है। जबकि अन्य Object Oriented Programming Languages में OOPS के सभी Concepts को पूरी तरह से Implement नहीं किया जा सकता।
जैसाकि हमने पहले भी कहा कि हम जिन कामों को “C” Language द्वारा कर सकते हैं, उन सभी कामों को “C++” Language द्वारा Object Oriented तरीके से भी कर सकते हैं। यानी “C” Language की तरह ही “C++” Language का प्रयोग भी Windows, UNIX, Linux आदि Operating Systems, Oracle Database, MySQL, MSSQL Server, IIS, Apache Web Server, PHP System Level Software को Develop करने के लिए किया गया है।
इसी तरह से विभिन्न प्रकार के Mobile Platforms, Satellite Connected Software, Set Top Box आदि के Software भी “C++” Language में Develop किये जाते हैं। iPhone व iPad की Programming के Codes को आसान व Reusable बनाने के लिए “C++” Language को Use किया जाता है।
सभी तरह के Embedded Software, Device Drivers व Network Drivers बनाने के लिए भी “C++” Language को Use किया जाता है। यहां तक कि विभिन्न प्रकार की Programming Languages के Assemblers, Compilers, Interpreters, विभिन्न प्रकार के Micro-Controllers व OS Kernels को भी “C++” Language में बनाया जाता है।
ज्यादातर Multimedia Programs जैसे कि Games, Sound Editing Software, Video Editing Software, Animation Programs आदि को भी मूल रूप से “C++” Language में ही बनाया गया है, क्योंकि “C++” Language की Performance “C” Language की तरह होती है और Program के Codes को Reusable व Maintainable बनाने की क्षमता C++ के Object Oriented Concept से प्राप्त होती है।
चूंकि C++, “C” Language का ही Extended रूप है, इसलिए C++ Programming Language का प्रयोग भी किसी भी Computer या Digital Electronic Device के Hardware को Directly Access करने के लिए किया जा सकता है। यानी “C” Language की तरह ही C++ Language का प्रयोग भी Low Level Hardware Programmingके लिये बहुत ज्यादा किया जाता है।
“C” Language की तरह ही “C++” Language में भी ये क्षमता है कि हम इसमें Assembly Language को Inline Assembly के रूप में उपयोग में ले सकते हैं व किसी भी Device के Hardware (Memory, CPU, etc…) को Directly Access कर सकते हैं।
उपरोक्त Discussion से ये सारांश न निकालें कि “C” व C++ Languages केवल Hardware Level Programmingके लिए ही उपयोगी है। वास्तव में “C” Language किसी भी अन्य Programming Language का आधार है। इसलिए Programming का Basic समझने के लिए जिस तरह से “C” Language सीखना जरूरी है उसी तरह से Object Oriented Programming Concepts को अच्छी तरह से समझने के लिए “C++” Language को सीखना जरूरी है।
इसलिए यदि आपने “C++” Language को ठीक से नहीं समझा, तो आप कभी भी Object Oriented Programming Concept को ठीक से नहीं समझ पाऐंगे, जो कि वर्तमान समय में सभी Programming Languages का मूल आधार है।”C” Language की तरह ही C++ Language केवल एक Programming Language ही नहीं है, बल्कि ये Object Oriented Programming को आसानी से सीखने का मूल आधार है।
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