इंसान केवल दो तरह से जानकारी प्राप्त कर सकता है। देखकर और सुनकर। यानी आंख और कान दो ऐसे माध्यम हैं, जिनका प्रयोग इंसान जानकारियां प्राप्त करने के लिए करता है। और चूंकि Information की जरूरत अन्धों और बहरों को भी होती है इसलिए शुरू से ही Internet को इस तरह से Develop करने की कोशिश की गई है ताकि Internet पर उपलब्ध जानकारियां न केवल सामान्य लोगों के लिए उपयोगी हो, बल्कि अन्धों और बहरों के लिए भी उपयोगी हो।
अतः HTML में एक ही काम को पूरा करने के लिए कई बार दो या दो से अधिक Elements को Define किया गया है, जिनमें कोई Element अन्धों के लिए उपयोगी होता है तो कोई Element बहरों के लिए और हम जब भी Web Site बनाते हैं, हमें इन दोनों प्रकार के लोगों को ध्यान में रखते हुए अपने Content यानी Document को Develop करना होता है ताकि हमारा Document ज्यादा से ज्यादा लोगों के लिए उपयोगी हो सके। क्योंकि जो Content सामान्य व बहरे लोगों के लिए जितना उपयोगी होता है वही Content अन्धें लोगों के लिए भी उतना ही उपयोगी होता है।
आप सोचेंगे कि बहरे लोग तो विभिन्न जानकारियों को Computer या Mobile Phone जैसी Devices पर Content को देखकर प्राप्त कर सकते हैं लेकिन अन्धे लोग किस तरह से Internet का उपयोग कर सकते हैं?
तो इस सवाल का जवाब ये है कि लम्बे समय से अन्धे लोगों के लिए भी Internet उपयोगी हो सके, इसके लिए विभिन्न प्रकार के Reader Devices बनाने की कोशिश की जाती रही है और वर्तमान समय में काफी अच्छी Quality के Screen Readers बन चुके हैं, जो Screen पर दिखाई देने वो Content को बहुत ही बेहतर तरीके से Read कर सकते हैं।
चूंकि लगभग ज्यादातर अन्धे लोग अच्छी तरह से सुन सकते हैं, इसलिए इन Screen Reader Devices का प्रयोग करके अन्धे लोग भी Internet का प्रयोग विभिन्न प्रकार की जानकारियां प्राप्त करने के लिए कर सकते हैं।
इसलिए जब हम हमारा Document Create कर रहे होते हैं, तब हमें न केवल सामान्य व बहरे लोगों को ध्यान में रखते हुए अपना Content Develop करना चाहिए बल्कि अन्धे लोगों को भी ध्यान में रखना चाहिए, ताकि हमारी जानकारी उनके लिए भी उतनी ही उपयोगी हो सके। कैसे?
बहरे लोग तो Internet की जानकारी विभिन्न Display Devices जैसे कि Computer, Mobile Phone आदि पर देखकर प्राप्त कर लेते हैं और Content की Formatting देखकर ये भी समझ जाते हैं कि Content में कौनसी बात पर ज्यादा महत्व दिया गया है।
उदाहरण के लिए यदि Content में किसी Text को Bold, Italic, Colors, Images या Heading के रूप में Highlight किया गया हो, तो बहरे लोग समझ सकते हैं कि Content में किस बात को ज्यादा महत्व दिया जा रहा है, लेकिन अन्धे लोग Content की Formatting नहीं देख सकते, इसलिए इस बात का अन्दाजा नहीं लगा सकते कि किसी Content में किस बात पर ज्यादा महत्व दिया गया है, इसलिए वे Screen Readers पर निर्भर होते हैं।
यानी Screen Readers जिस तरह से Content को Read करते हैं, उसके Read करने के आधार पर अन्धे लोग इस बात को समझ पाते हैं कि Content में किस बात पर जोर दिया जा रहा है और Screen Readers इस बात का निर्णय Document Create किए जाते समय उपयोग में लिए गए Markup Elements के आधार पर लेते हैं कि उन्हें किस Content को जोर देकर Read करना है और किस Content को सामान्य तरीके से।
Internet is for All: Document Create करते समय कई बार स्थिति ऐसी होती है कि Content को केवल अच्छा दिखाने के लिए ही Bold, Italic, Colors, Images, Heading आदि का प्रयोग किया जाता है। इन Formatting का Content के किसी Text के ज्यादा महत्वपूर्ण होने से कोई संबंध नहीं होता है। यानी हर Document में कुछ Text ऐसे भी होते हैं, जिन्हें केवल अच्छा व व्यवस्थित दिखाने के लिए ही उन पर विभिन्न प्रकार की इन Highlighting Styles को Apply किया जाता है, उन्हें Bold या Italic बनाया जाता है, जबकि इन Highlights का Content के महत्व से कोई संबंध नहीं होता है।
इस प्रकार के Content सामान्य व बहरे लोगों के लिए तो उपयोगी होते हैं लेकिन जब अन्धे लोग किसी Screen Readers Device का प्रयोग करके इस प्रकार के Document को सुनते हैं, तब वे Document के Content को ठीक से नहीं समझ पाते, क्योंकि Screen Reader Device उन Highlight किए गए बिना महत्व के सामान्य Text को भी Highlight करके Read करता है और उन Texts पर भी जोर देता है, जिन पर जोर नहीं देना चाहिए। फलस्वरूप सुनकर Content को समझना मुश्किल हो जाता है।
यानी यदि सारांश के रूप में कहें तो कुछ Content केवल सामान्य व बहरे लोगों देखने यानी Styling के लिए उपयोगी होते हैं, जिनका कोई संबंध Content के महत्व से नहीं होता जबकि कुछ Content Styling के साथ महत्वपूर्ण भी होते हैं और ये Content अन्धे व बहरे, दोनों प्रकार के लोगों के लिए उपयोगी होते हैं।
अतः सामान्य तरीके से हम इन दोनों प्रकार के Contents को एक प्रकार के Elements का प्रयोग करके Create नहीं कर सकते। इसीलिए HTML Specification में कुछ कामों को करने के लिए एक से ज्यादा Elements Define किए गए हैं। जो देखने के लिहाज से तो एक जैसा Output देते हैं लेकिन दोनों के उपयोग का मतलब अलग होता है।
इसलिए जब हम इस बात को ध्यान में रखते हुए Content Create करते हैं कि हमारा Content अन्धों व बहरों दोनों प्रकार के लोगों के लिए समान प्रकार का Meaning Generate करे, तब हमें उचित Element को ही उपयोग में लेना होता है।
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HTML5 with CSS3 in Hindi | Page: 481 | Format: PDF