Directory Structure of a Website: जिस तरह से हमारी Hard Disk पर विभिन्न प्रकार के Folders होते हैं, ठीक उसी तरह से विभिन्न प्रकार की Files को Hold करने के लिए हम हमारी Web Site में भी विभिन्न प्रकार के Folders बनाते हैं, जिन्हें Directories कहते हैं। सामान्यतया एक Web Site में कई Directories होती हैं और सभी Directories में विभिन्न प्रकार की Web Site Related Files होती हैं।
उदाहरण के लिए एक बडी Web Site में विभिन्न प्रकार की Images को Hold करने के लिए एक Image नाम की Directory हो सकती है और विभिन्न Style Sheet Files को Hold करने के लिए Styles नाम की एक Directory हो सकती है। Directories के इस Structure की वजह से एक User को हमारी Site Navigate करने में काफी सुविधा होती है।
किसी भी Web Site को ठीक तरह से Organize करना काफी जरूरी होता है, क्योंकि जो Site हमें छोटी लगती है, धीरे-धीरे वह Site काफी बडी हो जाती है। इसलिए यदि हम हमारी Site को अच्छी तरह से Organize ना करें, तो बाद में हमें काफी परेशानियों का सामना करना पड सकता है। हमारी Site को अच्छी तरह से Organize करने के लिए हम विभिन्न प्रकार की Files को विभिन्न प्रकार की Directories में रखते हैं और Directories के इन Organization को ही Directory Structure कहा जाता है। इससे पहले कि हम आगे बढें हमारे लिए Directory Structure से सम्बंधित शब्दों व एक Directory से दूसरी Directory के बीच के आपसी Relation को समझ लेना ठीक रहेगा।
- हम हमारी Site से सम्बंधित सभी Web Pages व Resources को जिस Directory में रखते हैं, उस Directory को Root Directory कहा जाता है। मानलो कि हम MySite नाम की Directory में अपनी Site से सम्बंधित सभी Web Pages व Resources को Hold करते हैं, तो MySite हमारी Root Directory होगी।
- जब हम इस Root Directory के अन्दर किसी प्रकार के Resources को Hold करने के लिए एक और Directory बनाते हैं, तो इस अन्दर वाली Directory को Sub-Directory कहते हैं। यानी यदि हम हमारी Site से सम्बंधित सभी Images को Hold करने के लिए MySite Directory में Images नाम की एक और Directory बनाते हैं, तो इस Directory को Root Directory की Sub-Directory कहते हैं।
- वह मूल Directory, जिसमें और Directories होती हैं, उन Sub-Directories की Parent Directory कहलाती है। हमारी स्थिति में Root Directory MySite, Images Directory की Parent Directory है। इसी बात को यदि दूसरे तरीके से कहें तो Images Directory, MySite Directory की Child Directory है।
हमने हमारे पिछले उदाहरण में दो Web Pages को आपस में Link करने का तरीका देखा था, जिसमें Link होने वाले दोनों ही Web Pages एक ही Directory में थे। लेकिन अब हम समझ सकते हैं कि Site को ठीक तरह से Organize करने के लिए हम हमारी Site में कई Directories Create करते हैं। अब इस स्थिति में हम एक Resource को दूसरे Resource से कैसे Link कर सकते हैं।
इस सवाल का जवाब ये है कि इस स्थिति में हमे हमारे Resources के Absolute URL को उपयोग में लेकर विभिन्न Resources के बीच Link स्थापित करना होता है। Absolute URL वह URL होता है, जिसे हम किसी Web Page को Open करने के लिए हम हमारे Web Browser के Address Bar में लिखते हैं। हमारी सुविधा के लिए हम Absolute URL के स्थान पर Relative URL का भी प्रयोग कर सकते हैं, जो कि URL लिखने का एक Short तरीका होता है। Relative URL वह URL होता है, जिसमें किसी दूसरे Web Page या Resource को Current Web Page या Resource के Relation में Specify किया जाता है। इससे पहले कि हम URL Create करना सीखें और Absolute व Relative URL के बीच अन्तर कर सकें, हमें URL की संरचना को समझना होगा। (Directory Structure of a Website)
ये Article इस वेबसाईट पर Selling हेतु उपलब्ध EBook HTML5 with CSS3 in Hindi से लिया गया है। इसलिए यदि ये Article आपके लिए उपयोगी रहा, तो निश्चित रूप से ये पुस्तक भी आपके लिए काफी उपयोगी साबित होगी।
HTML5 with CSS3 in Hindi | Page: 481 | Format: PDF