क्‍यों ठीक से सीखना जरूरी है Java?

Java in HindiJava in Hindi: जावा एक Pure Object Oriented Programming Language है। इसका प्रयोग वर्तमान समय में केवल Computers में ही नहीं  बल्कि Cell Phones, Mobiles, PDAs, आदि में भी किया जाता है। साथ ही इस Programming Language में ऐसे Application Software बहुत ही आसानी से बनाये जा सकते हैं, जो विभिन्‍न प्रकार की Electronic Devices को आपस में Connect कर सकते हैं और एक दूसरे के साथ Communication करवा सकते हैं।

जावा वास्‍तव में एक बहुत ही बडी Programming Language है, इसलिए जावा कम्‍पनी ने इसे कई हिस्‍सों में विभाजित कर दिया है, ताकि जो Programmers जिस Category से Related Software Develop करते हैं, उन्‍हें केवल उसी Category से संबंधित जावा के बारे में जानने की जरूरत पडे।

लेकिन जावा के इन सभी भागों में जावा का एक हिस्‍सा Common रूप से उपयोग में लिया जाता है और जावा के उस हिस्‍से को Core Java कहते हैं।

Core Java के अलावा जावा को जिन अलग-अलग प्रकार की जरूरतों को पूरा करने के लिये अलग-अलग- भागों में विभाजित किया गया है, उन अलग-अलग भागों को एक शब्‍द में Advance Java कहा जाता है। जावा को मूल रूप से तीन हिस्‍सों में विभाजित किया गया है-

  1. Java Micro Edition (J2ME)
  2. Java Standard Edition (J2SE)
  3. Java Enterprise Edition (J2EE)

जावा के इन तीन हिस्‍सों में भी बहुत सारे अन्‍य विभाजन हैं, जो विभिन्‍न प्रकार की जरूरतों को ध्‍यान में रखते हुए किये गए हैं।

जावा की सबसे बडी विशेषता इसकी Portability Security है। यानी जावा में किसी एक Device के लिये Develop किया गया Program किसी भी अन्‍य Device पर बिना Recompilation के Run हो सकता है। जबकि जावा किसी भी Device के Hardware को Directly Access करने की Permission नहीं देता, इसलिये जावा अन्‍य Compiler Based Programming Languages जैसे कि “C”, “C++” की तुलना में ज्‍यादा Secure है।

साथ ही अन्‍य Programming Languages की तुलना में जावा को सीखना ज्‍यादा आसान है। इसीलिये जावा के Market में आने के 17 साल बाद वर्तमान समय में भी जावा की काफी ज्‍यादा मांग है, जबकि इस समय के दौरान Microsoft ने अपनी Programming Technologies को कई बार बदल लिया है और अन्‍त में Java के ही तरीके को अपनाते हुए .NET का विकास किया है, जो कि लगभग पूरी तरह से Java की तरह ही है।

जावा की इन्‍हीं विशेषताओं के कारण Microsoft Company ने .NET Launch किया जो कि लगभग 70% जावा के समान है। यानी यदि आप Java को अच्‍छी तरह से सीखते हैं, तो समझ लीजिये कि आपने 70% .NET भी सीख लिया है।

जावा केवल Computer पर ही नहीं बल्कि सभी जगहों पर है। चलिये, जानने की कोशिश करते हैं, कि जावा का प्रयोग कहां-कहां और किस प्रकार की जरूरतों को पूरा करने के लिये किया जाता है।

Java GUI

Java में हम बडी ही आसानी से Manage करने योग्‍य GUI Application Create कर सकते हैं, जो किसी किसी भी Operating System व Computer Architecture पर Depend नहीं होता और किसी भी तरह के Device पर Run  हो सकता है। जबकि अन्‍य Programming Languages में बनाया जाने वाला GUI विभिन्‍न प्रकार के Computer Architecture व Operating System के लिये अलग-अलग बनाना पडता है।

Java with Oracle

जावा बडी ही आसानी से Oracle के साथ Integrate हो जाता है और बहुत ही बेहतर तरीके के High Level Database Application Develop करने के लिये उपयोगी होता है।

Java Applet

जावा ऐप्‍लेट ऐसे Java Programs होते हैं, जो Web Browser में Embed होते हैं और User के Computer के Web Browser में Run होते हैं। Applet पूरी तरह से Full Featured Web Programs होते हैं, जो User के Computer के JRE यानी Java Virtual Machine पर Run होते हैं।

हम जावा के किसी भी Desktop Application को बडी ही आसानी से Java Applet में और किसी भी Java Applet को बडी ही आसानी से Java Application में Convert कर सकते हैं। जावा की इस विशेषता के कारण Desktop व Web Pages दोनों के लिये दो अलग तरह के Programs बनाने की जरूरत नहीं रह जाती है।

Servlets

जिस तरह से Java Applets Client Side Web Browser में दिखाई देने वाले Web Pages की Capabilities को Extend करता है, उसी तरह से Servlets Server Side Web Host की Capabilities को Extend करने का काम करते हैं। यानी Servlets पूरी तरह से Server Oriented होते हैं, और JSP के साथ मिलकर Server Side पर Web Pages को Dynamic बनाने से संबंधित जरूरतों को पूरा करते हैं।

JSP (Java Server Pages)

PHP व ASP की तरह ही JSP भी एक Server Side Scripting Language है, जो पूरी तरह से Java ही है। यानी यदि आप जावा सीखते हैं, तो Dynamic Websites बनाने के लिये आपको अलग से कोई Server Side Scripting Language जैसे कि PHP या ASP सीखने की जरूरत नहीं रह जाती, क्‍योंकि Java के JSP Part का प्रयोग करके हम उसी तरह से Dynamic Websites Create कर सकते हैं, जिस तरह से ASP या PHP जैसी Scripting Languages का प्रयोग करके करते हैं।

J2EE (Java 2 Enterprise Edition)

चूंकि जावा को सामान्‍यत: बहुत ज्‍यादा Data को Handle करने के लिये व बहुत बडी कम्‍पनियों द्वारा उपयोग में लिया जाता है, जो कि अपने Data को विभिन्‍न तरीकों के Applications में विभिन्‍न तरीकों से Use करती हैं और विभिन्‍न प्रकार के नए Software Develop करती हैं।

परिणामस्‍वरूप Data के एक बहुत बडे Amount को एक रूप से दूसरे रूप में बदलने व एक Application से दूसरे Application में Transfer करने के लिये जावा का ये हिस्‍सा विशेष रूप से Develop किया गया है। सामान्‍यत: जावा का ये हिस्‍सा Data को XML Form में Represent करने व एक रूप से दूसरे रूप में बदलने संबंधित जरूरतों को करता है।

J2ME (Java 2 Micro Edition)

सामान्‍यत: जावा के इस हिस्‍से को Java 2 Mobile Edition भी कहा जाता है क्‍योंकि जावा का ये हिस्‍सा Telecommunication यानी Mobile Devices के लिये बनाये जाने वाले वाले Software की जरूरतों को पूरा करता है। Cell Phones, Mobile Tracking Systems, PDA Devices के लिये बनाये जाने वाले Applications से संबंधित जरूरतों को जावा का ये Edition Fulfill करता है।

वर्तमान में लगभग सभी बडी Mobile Companies जावा को Support करती हैं और अपने Mobile Device के लिये Application Software, Games आदि Develop करने की सुविधा देने के लिये विभिन्‍न प्रकार के Java Based Library Kit Provide करती हैं।

Google ने तो Java को Linux Kernel के साथ Use करते हुए Mobile Devices के लिये Android नाम का एक Open Source Operating System भी Develop किया है, जो कि वर्तमान में काफी Popular हो चुका है और लगभग सभी बडी कम्‍पनियां इस Android Platform के लिये Mobile Device, Tablets, आदि Develop करती हैं। इतना ही नहीं जावा में विभिन्‍न प्रकार के Video Games व Complex Networking and Distributed Applications भी Develop किये जाते हैं।

जावा का प्रयोग MP3 Players, Digital TVs, Videos, 3D Animation आदि से संबंधित Devices में भी किया जाता है जबकि ARM Based Processors तो जावा को Hardware Level तक Support करते हैं। “Java” Language का विकास 1995 के आसपास हुआ था और लगभग 17 साल बाद भी ये Language काफी उपयोगी व बहुत ज्‍यादा प्रकार की जरूरतों को पूरा करने के लिये Use की जा रही है। इसीलिये इसे आज भी BCA, PGDCA, MCA, भारत सरकार के Communication Department द्वारा अधिकृत O-Level, A-Level, B-Level व M-Tech Level तक के High Level Courses में पढाया जाता है।

उपरोक्‍त Discussion से आप समझ ही गए होंगे कि जावा एक बहुत बडी व बहुत ज्‍यादा प्रकार की जरूरतों को पूरा करने के लिये उपयोग में ली जाने वाली प्रोग्रामिंग भाषा है। इसलिये जावा को सीखना आपके Professional Programming Career के लिये बहुत जरूरी है।लेकिन आप जावा के विभिन्‍न भागों को विभिन्‍न प्रकार की जरूरतों को पूरा करने के लिये आप उसी स्थिति में बेहतर तरीके से उपयोग में ले सकते हैं, जब आप जावा के Core को बहुत ही अच्‍छी तरह से समझते हों।

यानी जावा में Mastery करने का केवल एक ही तरीका है कि आपकी Core Java में Mastery हो। इसलिये “Java” Programming Language को आसानी से सीखने के लिए हमने “Java Programming Language in Hindi” पुस्‍तक तैयार की है, जो आपको Step by Step न केवल Java Language में Programming करना सिखाती है, बल्कि आपके Core Java के Knowledge को बढाते हुए आपको Advance Java को Use करना भी सिखाती है।

इस पुस्‍तक में हमने Java Applets, Java Applications, Java GUI with AWT, Java with DatabaseJava Networking से संबंधित Basics को बहुत ही सरल भाषा में समझाने की कोशिश की है, ताकि आप आसानी से जावा सीख सकें व किसी अच्‍छी कम्‍पनी में अच्‍छी Salary की Job आसानी से प्राप्‍त कर सकें।

यानी ये पुस्‍तक आपको केवल “Core Java” नहीं सिखाती, बल्कि आपको विभिन्‍न प्रकार की Advance Java Programming से संबंधित जरूरी बातों को भी Clear करती है।यदि आप Java Programming Field में अपना Career बनाना चाहते हैं तो ये पुस्‍तक आपके लिए काफी उपयोगी व जरूरी पुस्‍तक है, जिसे आपको जरूर खरीदना चाहिये। क्‍योंकि उपरोक्‍त Discussion से आप समझ ही गये होंगे कि Java की मार्केट में कितनी मांग है और विभिन्‍न प्रकार की जरूरतों को पूरा करने के लिये किस-किस तरह से Java Developers की जरूरत है।

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ये पुस्‍तक PDF EBook के रूप में है, इसलिए आप इस पुस्‍तक को न केवल अपने Computer पर पढ सकते हैं, बल्कि आप इस पुस्‍तक को किसी भी ADOBE Reader Supported Mobile Phone, Tablet PC, Netbook, Laptop पर भी पढ सकते हैं और इसमें दिये गए Programs व Examples को तुरन्‍त Copy करके अपने Computer पर Run कर सकते हैं व Program का Effect देख सकते हैं।

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इस पुस्‍तक की सबसे बडी विशेषता ये है कि ये पुस्‍तक आसानी से समझने योग्‍य हिन्‍दी भाषा में लिखी गई है और हिन्‍दी भाषा के क्लिष्‍ट शब्‍दों का प्रयोग करने के स्‍थान पर इसमें English भाषा के शब्‍दों का प्रयोग ज्‍यादा किया गया है क्‍योंकि Computer Programming में English भाषा के शब्‍द, हिन्‍दी भाषा के शब्‍दों की तुलना में ज्‍यादा आसानी से समझ में आ जाते हैं।

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