Necessary Hardware and Software for Web Development

Web Client व Web Server को Web Development के नजरिए से ठीक से समझने के लिए हमें दो Perspectives को ध्यान में रखना होता है, क्योंकि Web Client व Web Server, दोनों दो Layers का समूह होते हैं:

Hardware Layer
Software Layer

User जिस Computer या Device जैसे कि Computer, Laptop, Notebook, Mobile Phone आदि के माध्यम से Internet को Use करता है, वह माध्यम Hardware Layer को Represent करता है। जबकि वह User अपनी Device में Installed जिस Software के माध्यम से Internet Surfing करता है, वह माध्यम Software Layer को Represent करता है, जो कि सामान्यतः Web Browser होता है। यानी वह Device, जिसके द्वारा User Internet Use करता है, Hardware Client है। साथ ही उस Device में Installed वह Software जो कि सामान्यतः Web Browser होता है, जिसके माध्यम से User Internet Surfing करता है, Software Client है।

Software हमेंशा Hardware पर निर्भर होते हैं और ये दोनों हमेंशा साथ में होते हैं तभी उपयोगी होते हैं। यानी यदि आपके पास Computer हो, लेकिन उस Computer में कोई Web Browser जैसे कि Internet Explorer, Mozilla, Firefox, Safari, Google Chrome आदि न हो, तो आप Internet Surfing नहीं कर सकते, क्योंकि कोई भी Device बिना उपयुक्त Software के Electronic पुर्जों के एक Box के अलावा और कुछ नहीं होता इसलिए बिना Web Browsers के आपका Computer आपको Web Surfing नहीं करवा सकता।

जबकि यदि दूसरे तरीके से देखें, तो बिना किसी Hardware के किसी Software का कोई औचित्य ही नहीं होता क्योंकि Software हमेंशा किसी न किसी Hardware के अन्दर ही होता है। परिणामस्वरूप यदि आपके पास Internet Surfing करने के लिए कोई Device ही नहीं है, तो फिर Software हो ही नहीं सकता।

Hardware व Software के इस Combination को ही Web Client या Web Server कहा जाता है। यानी एक User, जो कि किसी Web Site को Visit करता है, एक Device, जिसके माध्यम से User किसी Web Site को Visit करता है और वह Web Browser Software जिसके बिना User किसी Web Site को Visit नहीं कर सकता, तीनों का Combined रूप Web Client को Represent करता है, लेकिन एक Web Developer के नजरिए से हम केवल Web Browser को ही Web Client या Client Software कहते हैं क्योंकि Web Browser किसी Device पर निर्भर नहीं होता इसलिए हर Device में समान या भिन्न Web Browser हो सकता है और एक Web Programmer के रूप में हमें केवल Web Browser के बारे में ही सोचना होता है।

अब हम Web Server के बारे में समझते हैं। Web Client यानी Device + Web Browser Software किसी User को ये सुविधा देते हैं, कि वह Internet पर किसी तरह की Request Perform कर सके। उदाहरण के लिए जब User किसी Web Site का URL किसी Web Browser के Address Bar में Fill करके Enter Key Press करता है अथवा HTML Web Page पर दिखाई देने वाले किसी Link को Click करता है, तो वास्तव में वह एक प्रकार की Request कर रहा होता है, जो इस बात को Indicate करता है कि वह उस URL या Link से Associated Information को जानना चाहता है।

011चूंकि सामान्यतः एक Device को केवल एक ही User Use कर रहा होता है और वह User एक बार में केवल एक ही Request करता है, इसलिए User के Device का High Quality व High Performance का होना जरूरी नहीं होता, लेकिन User जिस Web Site को Visit कर रहा होता है, उसी समय उसी Web Site को लाखों लोग Use कर रहे हो सकते हैं।

उदाहरण के लिए जिस समय आप Google पर कुछ Search कर रहे होते हैं, उसी समय लाखों लोग उसी Google के उसी Home Page पर किसी ना किसी तरह की Searching कर रहे होते हैं। इस स्थिति में एक ही समय पर लाखों लोगों की Requirements को सामान्य से Computer या Mobile Phone Device द्वारा पूरा किया जाना सम्भव नहीं हो सकता।

इसलिए User जिस Web Site को Visit करता है, उस Web Site को एक बहुत ही High Power व High Quality के Computer System पर Host किया जाना जरूरी होता है, जो कि हर समय On रहे। इस High Power Configuration वाले Computer System को सामान्यतः Web Host कहा जाता है।

हर High Configuration वाला Computer Web Host होता है, ऐसा समझना गलत है। आप अपने स्वयं के Computer को भी Web Host की तरह Use कर सकते हैं और आगे आने वाले Contents में हम ऐसा करेंगे भी। लेकिन क्योंकि एक Web Host को लाखों लोगों की Requests को समान समय पर -पूरा करने की जरूरत हो सकती है, इसलिए Web Host Computers का किसी भी अन्य Computer System की तुलना में ज्यादा Powerful होना जरूरी होता है।

फिर से ध्यान दें कि एक High Power Configuration वाला Computer System ठीक उसी तरह से आ सकने वाली लाखों Requests को अकेले Handle नहीं कर सकता, जिस तरह से एक User का Device बिना Client Software के Web Surfing नहीं कर सकता। यानी इस High Power Configuration वाले Computer System को भी एक Software की जरूरत होती है, जो आने वाली Requests को Handle करता है। ये High Power Configuration वाला Computer System तो केवल उन Requests को पूरा करने की गति को बढा देता है, ताकि कम से कम समय में ज्यादा से ज्यादा Users की Requests को पूरा किया जा सके। इस Special Software को Web Server Software कहते हैं।

Web Server Software का हमेंशा किसी High Configuration वाले Computer System पर ही Install किया जा सकता है, ऐसा नहीं है बल्कि हम किसी भी सामान्य से Computer System पर भी इन Web Server Software को Install कर सकते हैं और जिस Computer System पर किसी Web Server Software को Install करते हैं, उसी Computer को Web Server कहा जा सकता है, फिर भले ही वह Computer सामान्य सा Pentium1 Processor वाला Computer ही क्यों न हो।

Web Server Software ही वह Software होता है, जो User द्वारा आने वाली Request को Accept करता है और User को उसका वांछित परिणाम Web Page के रूप में फिर से Serve करता है या फिर से भेजता है, जिसे User का Web Browser Receive करके User के सामने Render करता है।

इस तरह से अब यदि हम सारांश के रूप में समझें, तो User + User Device + Web Browser का Combination Web Client को Represent करता है, जबकि एक Web Developer के लिए Coding के लिहाज से केवल Web Browser महत्वपूर्ण होता है। जबकि Host Computer System + Web Server + Web Developer + Web Site Owner का Combination Web Server कहलाता है, लेकिन एक Web Developer के लिए Coding के लिहाज से केवल Web Server को महत्वपूर्ण होता है, हालांकि हमें Web Browser की तुलना में Web Server के साथ बहुत कम काम करना होता है।

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