पिछले Section में हमने Client Side Techniques की बात की, अब हम जानेंगे Server Side Techniques के बारे में। जब हम Server Side की बात करते हैं तब XML, JSON व Regular Expression फिर से काम आते हैं, लेकिन Client Side की तुलना में Server Side में इनकी ज्यादा जरूरत पडती है। क्योंकि Client Side में जो Data, Server से भेजा जाता है, ज्यादातर परिस्थितियों में वह Data XML या JSON Format में ही भेजा जाता है, ताकि Client Side में JavaScript उस Data को User के Web Browser में जरूरत के अनुसार Render कर सके। यानी हम XML व JSON को छोड नहीं सकते। हमें इनके बारे में भी जरूरत के अनुसार थोडा बहुत तो जानना ही होगा।
जब हम Server Side Scripting की बात करते हैं, तब हमें थोडा-बहुत Apache या IIS Web Servers के बारे में भी जानने की जरूरत पडती है, ताकि हम Special Types की जरूरतों को Web Server के माध्यम से भी पूरा कर सकें। सामान्यतः Web Server के साथ भी हमें Regular Expressions को Use करने की जरूरत पडती है।
Server Side Scripting के विषय में बात करें, तो बिना DBMS Software के कोई भी Dynamic Web Site नहीं बनाई जा सकती। इसलिए हमें किसी न किसी DBMS Software को भी ठीक से समझना जरूरी हो जाता है।
लगभग सभी DBMS Software 80% Common होते हैं, लेकिन फिर भी यदि हम Microsoft Technology पर आधारित Web Site बना रहे हैं, तो हमें IIS, ASP या ASP.NET तथा MSSQL Server या MS-Access के बारे में जानने की जरूरत पडती है क्योंकि Microsoft Technology में इन्हीं Server Side Scripting Languages, Web Server व DBMS Software को Use व Access करना होता है।
यदि हम ASP.NET की बात करें तो हमें Server Side Language के रूप में VB.NET या C#.NET को Use करना पडता है, क्योंकि ASP.NET में Scripting Language के रूप में इन्हीं में से किसी एक या दोनों को ज्यादा Use किया जाता है। हालांकि ये दोनों Programming Languages Windows Operating System के Desktop Applications बनाने के लिए भी उपयोगी होते हैं व वर्तमान समय में बहुत Use किए जाते हैं।
जबकि यदि हम Linux Web Host Use करते हैं, तो हमें Scripting Language के रूप में PHP, Perl जैसी Languages को Use करना पडता है जबकि DBMS Software के रूप में MySql को ज्यादा Use किया जाता है साथ ही हमें Apache Web Server को भी थोडा बहुत समझना जरूरी हो जाता है।
जब इतनी सारी Technologies की जरूरत एक Web Site बनाने के लिए पडती है, तो इतनी सारी Technologies को ठीक से Manage व Maintain करने के लिए भी एक Special Software की जरूरत पडती है, जिसे IDE (Integrated Development Environment) कहते हैं।
IDE के रूप में आपको MS-Visual Studio, Eclipse, NetBeans, DreamWeaver में से एक या एक से ज्यादा को सीखने की जरूरत पड सकती है, क्योंकि ज्यादातर Companies में इन्हीं में से एक या एक से अधिक IDEs में काम किया जाता है, ताकि Development को Fast व Manageable तरीके से किया जा सके।
तो क्या आप अन्दाजा लगा पाए कि कितनी Technologies की जरूरत पड सकती है एक Web Site बनाने के लिए, जबकि सभी प्रकार की जरूरतों को पूरा करने के लिए इनके अलावा भी कई अन्य Technologies हैं, जिन्हें सीखने की जरूरत पड सकती है। चलिए, देखते हैं:
- Photoshop (Illustrator, Fireworks, CorelDraw, GIMP)
- Adobe Flash
- HTML (Hyper Text Markup Language)
- CSS (Cascading Style Sheets)
- JavaScript
- JSON (JavaScript Object Notation)
- XML (eXtensible Markup Language)
- AJAX (Asynchronous JavaScript and XML)
- Regular Expressions
- Apache or IIS Web Server
- PHP/Perl or ASP.NET (VB or C# or Both)
- MySql or MSSQL Server
- MS-Visual Studio, Eclipse, NetBeans, DreamWeaver
क्या आपको लगता है कि ये सभी Technologies आप स्वयं अकेले सीखें और फिर अपने स्तर पर स्वयं पूरी Web Site बनाऐं। यदि आप ऐसा सोंचते हैं, तो पहली बात तो ये है कि इतनी Technologies को अच्छी तरह से सीखने के लिए आपके लिए 5 साल भी कम पडेंगे और दूसरी बात ये है कि जब तक आप पहली Technology से आखिरी Technology तक सीखेंगे, तब तक पांचवी Technology तक इतने नए Versions आ जाऐंगे, कि आपको फिर से पहली Technology को सीखना पडेगा और ये प्रक्रिया Recursive तरीके से पूरी जिन्दगी चल सकती है। यानी आप कभी भी सभी Technologies को स्वयं अकेले Mastering Level तक नहीं सीख सकते।
इसीलिए किसी भी Company में कई तरह के Departments होते हैं और हर Department में अपनी तरह का Development होता है। उदाहरण के लिए Graphics Designer का अपना काम होता है और उसे Front End या Back End Coding से कोई मतलब नहीं होता। Front End Department को Back End Department के Developers व Graphics Designer से कोई मतलब नहीं होता। इसी तरह से Back End Designer को Front End व Graphics Designer से कोई मतलब नहीं होता। यहां तक कि Back End Script Writer को Back End Database Designer व Analyst से भी कोई मतलब नहीं होता।
यानी सरल तरीके से कहें, तो उपरोक्त सभी विषयों को मूल रूप से चार भागों में बांटा जा सकता है और चारों भागों के लोग केवल अपने काम को ही Best तरीके से पूरा करते हैं, कर सकते हैं:
Graphics Designer
Graphics Designer का पूरा ध्यान Graphics Develop करने पर होता है और एक Graphics Designer को Photoshop, Illustrator, Fireworks, CorelDraw, GIMP, Flash आदि Technologies को ही Best तरीके से सीखना होता है।
Front End Designer
Front End Designer का पूरा ध्यान Web Site का Front यानी Layout बनाने पर होता है और एक Front End Designer को HTML, CSS, JavaScript, JSON, XML, AJAX, Regular Expressions आदि Front End Designing से संबंधित Technologies को ही Best तरीके से सीखना होता है।
Back End Designer
Back End Designer का पूरा ध्यान Back End Technologies पर होता है और एक Back End Designer को JSON, XML, AJAX, Regular Expressions, Apache or IIS Web Server, PHP/Perl or ASP.NET (VB or C# or Both) को ही Best तरीके से सीखना होता है।
यहां भी यदि Microsoft Technology को महत्व दिया जा रहा है, तो PHP व Perl जैसी Languages को सीखना जरूरी नहीं है, जबकि Linux Technology को महत्व देने की स्थिति में ASP.NET, VB, C# को सीखना जरूरी नहीं है।
Database Designer
Database Designer का मुखय काम Web Site Owner की जरूरत के अनुसार विभिन्न प्रकार के Data को Best तरीके से Database में Store करने, Access करने की सुविधा देने व Database को Maintain करने व Database की Performance को बनाए रखने से संबंधित होता है इसलिए एक Database Designer को केवल इन्हीं जरूरतों को पूरा करने से संबंधित Technologies को अच्छी तरह से सीखना होता है।
यदि एक Database Designer Windows Technology को Handle करता है, तो उसे केवल MS-Window, MSSQL Server या MS-Access के बारे में Best तरीके से जानना होता है जबकि Linux Technology को Use करने की स्थिति में उसे Linux तथा MySql जैसे Database Software को अच्छी तरह से समझना होता है।
अब सवाल ये है कि क्या हर Company में ये चारों हिस्से होते हैं और क्या हर Company में इतने सारे प्रकार के Developers होने जरूरी होते हैं? तो जवाब है, हां। लगभग हर Company में इतने प्रकार के Developers जरूर होते हैं।
दूसरा सवाल ये है कि क्या हम बिना इन विभिन्न प्रकार के Developers को Hire किए हुए छोटे स्तर पर अपना Web Development का काम शुरू नहीं कर सकते? तो इस सवाल का एक जवाब है हां और दूसरा जवाब है नहीं।
यानी हमें इन सभी प्रकार के Developers की जरूरत जरूर होती है, तभी कोई Web Site ठीक से बन सकती है और लम्बे समय तक Maintain की जा सकती है, लेकिन इसका मतलब ये नहीं है कि ये सभी Developers Physically हमारे पास हों। मतलब?
मतलब ये है कि इतने प्रकार के High Profile Developers को Hire करना काफी महंगा काम हो सकता है, जबकि लगभग 80% Web Sites इतनी Typical नहीं होतीं, कि उनके लिए अलग से Database Designers व Back End Developers की जरूरत हो और इन लोगों के Replacement के रूप में हमें दूसरा Option मिलता है Frameworks का।
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