HTML and XHTML. What is the difference?

What is HTML and XHTML: जब W3C ने HTML का 4.1 Version Release किया, तब उन्‍होंने Document के Style से सम्‍बंधित सभी Markup को Deprecated Mark कर दिया यानी उन्‍होंने तय कर लिया कि HTML के Future Versions में इन HTML Markups को Remove कर दिया जाएगा। एसा उन्‍होंने इसलिए किया था, ताकि लोग Web Pages के Structure को Web Pages के Style से अलग Develop करें।

परिणामस्‍वरूप आज के सभी नए Web Pages में केवल HTML Document का Structure होता है और HTML Web Page से सम्‍बंधित सभी Stylizing Markup एक अलग CSS File में होते हैं। हालांकि हम आज भी इन Style Markups को अपने HTML Document में HTML Structure के साथ उपयोग में ले सकते हैं, लेकिन हमें एसा करना नहीं चाहिए।

HTML के 4.1 Version को Release करने के बाद W3C ने HTML का 5.0 Version Release नहीं किया, बल्कि उन्‍होंने HTML को एक नए रूप में Release किया जिसका नाम उन्‍होंने XHTML रखा, ठीक उसी तरह से जिस तरह से Microsoft ने Window 2000 Release करने के बाद Windows 2001 Release नहीं किया बल्कि Windows XP Release किया था।

HTML के नाम के पहले X अक्षर को इसलिए लगाया गया, क्‍योंकि ये अक्षर एक नई Language XML (eXtensible Markup Language) से आया था। इस इस Language ने विभिन्‍न Programming क्षैत्रों में बहुत ही जल्‍दी बहुत ज्‍यादा प्रसिद्धि प्राप्‍त कर ली थी, क्‍योंकि इस Language का प्रयोग करके हम हमारी जरूरत के अनुसार अपने स्‍वयं के HTML Elements Create कर सकते हैं। इसीलिए W3C ने तय किया कि वह HTML के अगले Version को XML में लिखकर Release करेगा और उन्‍होंने एसा ही किया।

प्रायोगि‍क रूप से इसका मतलब ये हुआ कि जो लोग Web Pages लिखते हैं, उन लोगों को अब अपने HTML Codes को लिखने के बारे में ज्‍यादा सावधान रहना जरूरी है, क्‍योंकि XML एक Strict Language है, इसीलिए XHTML भी एक Strict Language बन गई है। Stricter Language का एक फायदा ये है कि Web Browser की Size छोटी हो गई है, जिससे Web Pages को अब ज्‍यादा छोटी Screen यानी Mobile जैसे Device पर भी आसानी से देखा जा सकता है। दूसरा फायदा ये है कि XML के लिए कई Tools को Develop किया गया है और हम उन सभी Tools को XHTML के साथ भी उपयोग में ले सकते हैं।

Web Programming सीखने वाले एक नए Developer के लिए फायदा ये है कि उसे HTML व  XHTML दोनों Languages को सीखने की जरूरत नहीं है। क्‍योंकि जब XHTML को Develop यिका जा रहा था, तब इस बात का ध्‍यान रखा गया था कि XHTML उन Web Browsers के Compatible रहे, जो केवल HTML Pages को ही Display कर सकते हैं। कहने का मतलब ये है कि हम जितने भी XHTML Elements को उपयोग में लेना सीखेंगे, उनमें से लगभग सभी Elements HTML के 4.1 Version में भी उपलब्‍ध हैं। HTML से XHTML के बीच XHTML के तीन Versions को हमें ध्‍यान में रखना होता है।

Transitional XTHML 1.0

XHTML के इस Version में एक Developer उन HTML Markup को भी उपयोग में ले सकता है, जिन्‍हें HTML के 4.01 Version में Deprecated Declare कर दिया गया था, लेकिन इस Version में भी Developer को Stricter Syntax Use करने का ध्‍यान रखना होता है।

Strict XHTML 1.0

XHTML के इस Version में एक Developer उन HTML Markup को उपयोग में नहीं ले सकता है, जिन्‍हें HTML के 4.01 Version में Deprecated Declare कर दिया गया था, साथ ही इस Version में भी Developer को Stricter Syntax Use करने का ध्‍यान रखना होता है।

Frameset XHTML 1.0

XHTML के इस Version में एक Developer उस Technology का प्रयोग कर सकता है, जिसे Frames कहते हैं। यानी इस Version में हम एक ही Browser में एक से ज्‍यादा Web Pages को Open कर सकते हैं। इसके बारे में हम बाद में पढेंगे। इस Version में भी Developer को Stricter Syntax Use करने का ध्‍यान रखना होता है।

सामान्‍यतया हम Transitional XTHML 1.0 Version के Elements को ही उपयोग में लेंगे, क्‍योंकि ये Version HTML 4.01 Version के Elements को भी Support करता है। लेकिन जहां तक हो सके हमें XHTML के Elements का ही प्रयोग करना चाहिए। जब हम केवल Pure XHTML के Elements ही उपयोग में लेते हैं और Deprecated Elements व Attributes का प्रयोग नहीं करते हैं, तब हमारा Page स्‍वयं ही Strict XHTML 1.0 का Page बन जाता है। (What is HTML and XHTML)

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